झूठी सुरक्षा का भाव

झूठी सुरक्षा का भाव तुम्हारी श्रद्धा को बढ़ने नहीं देता। जब तुम अपनी सुरक्षाओं को छोड़ देते हो तब तुम्हारी श्रद्धा बढ़ती है। जब तुम अपने जीवन को भौतिक सुरक्षाओं से घेर लेते हो, तब तुम श्रद्धा से दूर हो जाते हो। श्रद्धा ही तुम में पूर्णता लाती है । श्रद्धा ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।     

यदि तुम्हारे पास सारी भौतिक सुविधाएं और सुरक्षा के साधन हों, तब भी तुम भयभीत ही रहोगे। तुम्हें अपने मन से उन सभी पर अपनी पकड़ छोड़नी होगी। झू्ठी सुरक्षा का अर्थ है - वस्तुओं को उनके महत्व से अधिक महत्व देना। जीवन में नौकरी, घर या दोस्तों का होना, सुरक्षित होने का एक भ्रम है। अपने घर को वहीं रखो जहां उसे होना चाहिए, मन में नहीं। पैसे को बैंक में या जेब मे रखो, मन मे नहीं। दोस्तों और परिवार को उनकी जगह रखो, अपने मन में नहीं।

अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !

 

ईश्वर ही तुम्हारी एक मात्र सुरक्षा है।

श्रद्धा का अर्थ है यह जान लेना कि तुम्हारी हर आवश्यकता पूरी होती है।

श्रद्धा का अर्थ है ईश्वर को कुछ करने का मौका देना।

तुम्हारा शरीर इस जगत का है, पर तुम्हारी आत्मा जगदीश की है। 

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