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  1. वर्षा जल संरक्षण: क्योंकि हर बूँद अमूल्य है

    भारत में प्रकृति के पतन का प्रभाव सबसे ज्यादा पानी की कमी के रूप में परिलक्षित हुआ है। पिछले बीस सालों मे,  जनसंख्या वृद्धि के साथ ही, साफ पानी की मात्रा में 25 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है। भारत के गाँवों में, खासकर सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में पानी के ल ...
  2. कुमुदवती नदी का पुनर्जीवन

    परिचय  सुप्रसिद्ध भू-जल  वैज्ञानिक और भारत के प्राकृतिक  जल संसाधनों पर एक शीर्ष  वैज्ञानिक,  डाक्टर लिंगराजु येल केशब्दों में   —“  किसी भी नदी की एक जटिल तंत्र व्यवस्था होती है ।” और एक मृत हो रहे जटिल तंत्र को पुनर्जीवित करनेके लिए चौबीसों घंटे कार्यरत ...
  3. एक व्यक्ति का दृढ़ निश्चय मृतप्राय नदियों को पुनर्जीवन प्रदान कर रहा है

    डॉ येल आशावान हैं। यद्यपि दूरगामी परिणाम धीरे-धीरे आएंगे। डॉ लिंगराजू येल अपने लैपटॉप पर से नजर उठा कर देखते हैं। उनकी आँखों पर थकान की रेखा के साथ-साथ आशा की किरण दृष्टिगोचर हो रही है। कारण कि आने वाली ग्रीष्म ऋतु में कर्नाटक की तीन प्रमुख नदियों कुमुरदव ...
  4. जल संग एक लम्बी दूरी का प्रेम प्रसंग

    अमेरिका निवासी इस अनिवासी भारतीय ने कैसे महाराष्ट्र के अपने मूल गाँव में परिवर्तन लाया परिस्थिति देहाती थी । एक बहती हुई नहर के किनारे कोई   500 लोग इकट्ठा थे, जिनमें  हलगरा के ग्रामवासी, नौकरशाह, पुलिसकर्मी और पत्रकार शामिल थे । उस गर्मी की तपती  हुई सुब ...
  5. एक नेत्र चिकित्सक का अपने व्यवसाय के बाहर जिंदगियां बचाने का दृढ़ निश्चय

    एक रविवार की देर शाम को डॉक्टर रंजना बोरसे बहुत जल्दी में लग रहीं थीं। सप्ताहांत इस नेत्र रोग विशेषज्ञ के लिए बहुत महत्व रखते हैं- कोई पारिवारिक रात्रि भोज या सप्ताहांत की छुट्टी की परियोजना बनाने के लिए नहीं बल्कि गाँव में और पड़ोस के इलाकों में समय व्यत ...
  6. पालर नदी का पुनरुत्थान

    अवलोकन स्थान: चिक्काबालपुर,कर्नाटक समय: वर्ष 2015 अभी कुछ समय पहले पालर नदी पूरी शान के साथ कर्नाटक,आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों के खेतों को पोषित करती हुई और अपने आसपास के किनारों को सुंदर बनाते हुए निर्बाध रूप से बहा करती थी। अकाल के समय में यह नदी ...
  7. कुमुदवती नदी के पुनर्जीवनीकरण पर 278 गांवों को उम्मीद | 278 villages pin hope on Kumudvathi river revival

    भारत में प्राकृतिक जल संसाधन प्रबंधन के विशेषज्ञ डॉ. लिंगराजु येल कहते हैं, कि” नदी एक जटिल पारिस्थितिकी –तंत्र (इको-सिस्टम) है।",अर्थात यह एक जटिल पर्यावरण व्यवस्था है। एक उजड़े हुए जटिल पारिस्थितिकी सिस्टम को फिर से जीवित कर, सुचारु रूप से संचालित क ...