उत्सव

दिवाली 2023 : दीपावली कैसे मनाएँ

दिवाली, जिसे संपूर्ण विश्व में प्रकाश के त्यौहार के रूप में जाना जाता है, बुराई पर अच्छाई की, अंधकार पर प्रकाश की तथा अज्ञान पर ज्ञान की विजय का त्यौहार है। आज के दिन घरों में रोशनी न केवल सजावट के लिए होती है,किंतु यह जीवन कथा सत्य को भी अभिव्यक्त करती है। प्रकाश अंधकार को मिटा देता है, और जब ज्ञान के प्रकाश से आपके अंदर का अंधकार मिट जाता है, आप में अच्छाई बुराई पर विजय प्राप्त कर लेती हैंl

दिवाली क्यों मनाई जाती है

वैसे तो इस उत्सव से संबंधित बहुत सी गाथाएं हैं-

  • दिवाली मुख्यतः प्रत्येक हृदय में ज्ञान के प्रकाश को प्रज्वलित करने के लिए मनाई जाती है, प्रत्येक घर में जीवन, प्रत्येक मुख पर मुस्कान लाने के लिए मनाई जाती है।
  • दिवाली शब्द दीपावली का लघु रूप है, जिस का शाब्दिक अर्थ है प्रकाश की पंक्ति। जीवन के बहुत से पहलुओं तथा स्तर होते हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप उन सभी पर प्रकाश डालें क्योंकि यदि आपके जीवन का एक भी पहलू अंधकार मय होगा तो, आपका जीवन कभी भी पूर्णता अभिव्यक्त नहीं हो सकेगा।
  • इसलिए दिवाली में दीपों की पंक्तियां प्रज्वलित की जाती है कि आपको ध्यान रहे कि आपके जीवन के प्रत्येक पहलू को आपके ध्यान की तथा ज्ञान के प्रकाश की आवश्यकता है।
  • आपके द्वारा प्रज्वलित प्रत्येक दीप, सदगुण का प्रतीक है।प्रत्येक मनुष्य में सद्गुण होते हैं। कुछ में धैर्य होता है, कुछ में प्रेम, शक्ति, उदारता: अन्य में लोगों को संगठित करने की क्षमता होती है। आप में स्थित प्रकट मूल्य दिए के समान है। जैसे ही वह प्रज्ज्वलित हो जाएं,जागृत हो जाएं,दीवाली है।

दीपावली पर्व के गहरे अर्थ को जानें

केवल एक ही दीप का प्रज्वलित कर संतुष्ट न हो, हज़ार दीप प्रज्वलित करें। यदि आप में सेवा का भाव है, केवल उससे ही संतुष्ट न हो, अपने में ज्ञान का दीप जलाएं, ज्ञान अर्जित करें। अपने अस्तित्व के सभी पहलुओं को प्रकाशित करें।

दिवाली का एक और गुण रहस्य पटाखों के फूटने में है। जीवन में आप कई बार पटाखों के समान होते हैं, अपनी दबी हुई भावनाओं, हताशा तथा क्रोध के साथ फूट पढ़ने के लिए तैयार। जब आप अपने राग-द्वेष, घृणा को दबाये रखते हैं फूट पढ़ने की सीमा पर पहुँच जाता है। पटाखे फोड़ने की क्रिया का प्रयोग हमारे पूर्वजों द्वारा, लोगों की भावनाओं की अभिव्यक्ति देने के लिए, एक मनोवैज्ञानिक अभ्यास के रूप में किया गया।

जब आप बाहर विस्फोट देखते हैं तो आप अपने अंदर भी वैसी संवेदनाओं का अनुभव करते हैं। विस्फोट के साथ बहुत सा प्रकाश निकलता है। जब आप अपनी दबी हुई भावनाओं से मुक्त होते हैं तब आप खाली हो जाते हैं तथा अपने ज्ञान के प्रकाश का उदय होता है।

ज्ञान की सभी जगह आवश्यकता है। यदि परिवार का एक भी व्यक्ति अंधकार में है,आप खुश नहीं रह सकते। अतः आप को अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य में ज्ञान का प्रकाश स्थापित करना होगा। इससे समाज के प्रत्येक सदस्य तक ले जाएं, पृथ्वी के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाये।

जब सच्चा ज्ञान उदित होता है, उत्सव होता है। अधिकतर उत्सव में हम अपनी सजगता अथवा एकाग्रता खो देते हैं।उत्सव में सजगता बनाए रखने के लिए, हमारे ऋषि यों ने प्रत्येक उत्सव को पवित्रता तथा पूजा विधियों से जोड़ दिया है। इसलिए दिवाली भी पूजा का समय है। दिवाली का आध्यात्मिक पहलू, उत्सव में गांभीर्य लाता है। प्रत्येक उत्सव में आध्यात्म होना चाहिए ।

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दीपावली ज्ञान रूपी प्रकाश द्वारा अज्ञान रूपी अंधकार को समाप्त करने का उत्सव है। आईये! दीपावली में सुदर्शन क्रिया का ज्ञान रूपी दीपक जलायें और स्वास्थ्य, आनंद एवं समृद्धि पायें।

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