दिवाली के बाद इन 7 चीज़ों से करें डीटोक्स

विशेष 

  • दिवाली  के बाद अपने दिन की शुरुआत एक ग्लास निम्बू पानी से करें 

  • अत्यधिक एंटी ओक्सिडेंट गुणों से भरपूर ग्रीन टी रोगों से लड़ने में सहायक होती है

  • भीगे हुए सूखे मेवों में हमारे सिस्टम को फिर से नया करने की क्षमता है 

दिवाली के उत्सव सम्पन्न होने के साथ ही त्योहारों के मौसम का एक दौर समाप्त हो चुका है । सम्भव है कि  हम दिवाली से पहले परोसे जाने वाले मज़ेदार व्यंजनों को याद करते हों परंतु हमारे शरीर निश्चित ही इस के विपरीत सोचते होंगे ।बात इस त्योहारी मौसम में शरीर में कुछ किलो अतिरिक्त जोड़ने की प्रवृत्ति की ही नहीं है ,अपितु वसा युक्त , शकर और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों और कुछ लोगों के लिए ऐल्कहॉल  जैसी चीजों को हज़माने और पचाने की भी है। यदि हम अपने पाचन तंत्र पर इस प्रकार इतने जटिल व्यंजनों को खाकर लगातार दबाव बनाए रखते हैं तो हम इसके साथ बहुत अन्याय कर रहे हैं क्योंकि यह अपच,गैस  और पेट में भारीपन का कारण हैं। 

अब जबकि दिवाली बीत चुकी है , आप यहाँ दिए गए कुछ साधारण भोज्य और पेय पदार्थों के विकल्प का अनुसरण करके अपने पाचन तंत्र को विषरहित करके उसे फिर से सुदृढ़ बना सकते हैं । इसके अतिरिक्त लाभ के रूप में हमें चमकदार त्वचा भी मिलती है जिससे त्वचा टूटने की संभावना भी दूर होती है । यहाँ गौरव वर्मा , क्षेत्रीय निदेशक, आर्ट ओफ़ लिविंग योग तथा कौशानी देसाई , आयुर्वेदिक पाक कला विशेषज्ञ हमें कुछ साधारण , आसानी से प्राप्त किए जा सकने वाले विषहरण पदार्थों / व्यंजनों के बारे में बता रहे हैं। 

  1. नीम्बू पानी 

    दिवाली उपरांत अपना दिन एक गिलास निम्बू पानी से आरम्भ करें। यह साधारण सा दिखने वाला निम्बू पानी का गिलास किसी जादुई औषधि  का काम कर सकता है जो पाचन और डीटोक्स की प्रक्रिया में सहायक है। यह लिवर को अधिक पित्तरस स्त्राव करने को उत्प्रेरित करता है जो भोजन को पचाने की क्रिया को आसान बनाता है। आप किसी बर्तन में पानी उबाल कर ठंडा होने दें और फिर उसको दिन भर घूँट घूँट पी सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार उबालने से पानी को शक्ति मिलती है जो हमारे शरीर को शुद्ध करती है। 

  2. ग्रीन टी 
    एंटी ओक्सिडेंट गुणों से भरपूर, ग्रीन टी रोगों के विरुद्ध लड़ने में सहायक है तथा यह पाचन क्रिया में लिवर की सहयोगी भी है। यह गरिष्ठ व्यंजनों, जो शरीर से जल की मात्रा कम करते हैं, के प्रभाव का विरोध करके शरीर में जल की मात्रा को परिष्कृत करती है। ग्रीन टी शरीर की मेटाबोलिस्म (चयपचय) गति को तीव्र करती है जिससे शारीरिक वसा जलाने में सहायता मिलती है। 

  3. सब्जी 

    शरीर से अतिरिक्त वसा को निकालने के लिए शाक सूप के एक बड़े कटोरे का आनंद लेने से उत्तम कोई दूसरा उपाय नहीं है। यह हल्का है, पौष्टिक है तथा अधिक देर तक भरपेट होने का अनुभव देता है। आप विभिन्न सब्ज़ियों का उपयोग करके अपना सूप बना सकते हैं ; आप इसको अपने स्वादानुसार पतला या गाढ़ा बना सकते हैं। शाक सूप लिवर बहुत सारी मात्रा में एंटी ओक्सिडेंट पदार्थों के साथ-साथ पोटाशियम भी उपलब्ध कराता है जो शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए उपयुक्त क्षारीय  वातावरण भी तैयार करता है। 

  4. फल 
    सब जानते हैं कि फल विटामिन, खनिजों, एंटी ओक्सिडेंट तथा रेशों से भरपूर होते हैं ; अतः आपकी दिवाली उपरांत शुद्धीकरण प्रक्रिया में दिन भर के भोजन में कम से कम 3 से चार बार रंग बिरंगे फलों का हिस्सा होना चाहिए। यह पोषक तत्व शरीर के लिए मूलभूत अंग का काम करते हैं क्योंकि प्रत्येक कोशिका का विकास और वृद्धि इन पर निर्भर करती है। फलों में विद्यमान रेशे विशेषतया हमारी आँतों की दीवारों पर जमा विषाक्त पदार्थों को साफ़ करने का काम करते हैं ,अन्यथा पोषक तत्त्वों के शरीर में अवशोषण में रुकावटें आती हैं। आप फलों की व्यापक शृंखला, जिसमें सेब, बेरी, चकोतरा, कीवी , अमरूद, ख़रबूज़े,संतरे, पपीता, अंगूर, नाशपाती , अनानास, अनार, स्ट्रॉबेरीज़, तरबूज़, और भी बहुत सारे फलों में से अपनी पसंदानुसार चुनाव कर सकते हैं।


  5. भीगे हुए मेवे और सूखे फल 

    भीगे हुए मेवों में हमारे तंत्र को पुनर्जीवित करने की क्षमता होती है क्योंकि वह ग्रहण किए हुए कार्बोहाइड्रेट में से ग्लूटेन को भंग करते हैं जिससे पाचन की क्रिया सरल हो जाती है। भीगे हुए मेवे तथा सूखे फल हमें अवशोषण हेतु प्रोटीन तुरंत उपलब्ध कराते हैं। वह हमारे मलाशय में उपस्थित विषैले पदार्थों को निष्क्रय करने और उसे साफ़ करने में भी सहायक हैं। शाकाहारियों के लिए मेवे विशेषतया लाभदायक हैं क्योंकि यह विटामिन बी से भरपूर होते हैं। एक मुट्ठीभर भीगे मेवे और सूखे फल ही पर्याप्त हैं।



  6. भाप में उबली हुई अंकुरित दालें/ अनाज 

    अंकुरित दालों/ अनाज के शरीर, त्वचा, बालों आदि के लिए बहुआयामी लाभ हैं और भाप में पकाने से उनका पाचन अत्यंत सरल हो जाता है। अंकुरित दालें व अनाज वास्तव में अद्भुत भोजन है क्योंकि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं तथा रक्त शुद्धीकरण में सहायक हैं। अंकुरित अनाजों / दालों में उपस्थित एंटी ओक्सिडेंट पदार्थ ऊतकों के क्षरण से हमारा बचाव करते हैं तथा ओमेगा -3 श्रेणी के वसा तत्त्व त्वचा और बालों को चमकदार बनाते हैं। अंकुरित अनाज व दालें शरीर में , विशेषतया महिलाओं में , हार्मोन्स को संतुलित रखने में लाभदायक हैं। वह शरीर में अतिरिक्त वसा तथा शकर के कारण होने वाले द्रव्यों के नुक़सान से  भी बचाते हैं क्योंकि उनमें शरीर को पुनः द्रवित करने का गुण है। 

  7. हल्का भोजन 

    खिचड़ी, कीनुआ अथवा दलिया विषहरण प्रक्रिया के लिए आदर्श हल्के भोजन की श्रेणी में आते हैं । यह पचाने में आसान और पाचन तंत्र को हल्का रखने में सहायक हैं। यह पुष्टिकारक, पौष्टिक तथा भरण हेतु आदर्श हैं और आपको उस चिप्स के पैकेट की ओर हाथ बढ़ाने से रोकते हैं। हल्के होने के साथ साथ , यह शरीर की पाचन क्रिया में सहायक हैं, ऊर्जा का स्त्रोत हैं तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता को पुष्ट करते हैं। यह तीनों ग्लूटेन रहित हैं, इसलिए पाचन तंत्र पर बहुत कम दबाव डालते हैं । 

संस्था के विषय में 

आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था की अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम ने दुनिया भर के करोड़ों लोगों तक योग तथा आयुर्वेद का ज्ञान तथा वास्तविक मार्मिक अर्थ पहुँचाया है ; यह केवल कुछ शारीरिक व्यायाम तथा आहार व्यवस्था तक ही सीमित न हो कर एक गहन विज्ञान जिसमें मन , शरीर तथा आत्मा के योग के रूप में  चर्चा की जाती है । 

सौजन्य :  एन डी टीवी फ़ूड