सुबह उठकर आप सबसे पहले आप क्या करते हैं? करवटें लेते हैं और फिर से सो जाते हैं? चाय या कॉफी लेते हैं? सीधे तय किये हुए काम पर लग जाते हैं? क्या आपको नहीं लगता की आपका दिन आरम्भ कुछ ऐसे होना चाहिए जो आपको ऊर्जा से परिपूर्ण कर दे। आइये जानते हैं की दिन की शुरुआत करने का सही तरीका क्या है?
सुबह उठकर सर्वप्रथम ध्यान करें
मात्रा २० मिनट का गहरा ध्यान आप के मन व शरीर में शक्ति का संचार कर सकता है। सुबह का ध्यान आपकी दिनचर्या के लिए एक दिशा निर्धारित कर देता हैं। आप पूरे दिन एकाग्र, शांत व संतुलित महसूस करते हैं। तनाव आप से दूर रहता है। आप स्वतः स्वास्थ्यप्रद भोजन की तरफ बढ़ते हैं। पिछले दिन के तनावों को आसानी से छोड़ते हैं और रात में निश्चिन्त होकर सोते हैं।
सुबह के ध्यान का अभ्यास आपके जीवन में बहुत से सकारात्मक परिवर्तन लाता है। हाँ, इसको जीवन धारा में लाने के लिए कुछ प्रयास आवश्यक है।
सुबह के ध्यान की चुनौतियों के पार जान
अपने घर पर ध्यान के लिए एक स्थान सुनिश्चित कर दें। इसे अपना विशेष स्थान बना लें जो आपके लिए अपने आप में रहने की जगह है, स्वर्ग है। स्वयं से एक वादा करें। आप हर सुबह यहाँ जरूर आयेगें, चाहे जो भी हो इसअभ्यास को सहज करने में कुछ समय और धीरज चाहिए। इसे अपने मन को जोर देकर ४० दिन लगातार करे। नीचे दिए कुछ सुझावों की सहायता से आप आसानी से इसे कर पायेंगें
जल्दी सोएं और जल्दी जागें
सोने की जल्दी कोशिश करें जिससे आप औसत ६-८ घंटे की नींद ले सकें। अधिक सोना आपके सुबह के ध्यान में बाधा बनता है उसी तरह बहुत काम सोना भी अच्छा नहीं है।
सुबह उठने के भय को भगाये
यदि आप सुबह उठने के भय के रोग से ग्रसित हैं तो आप सुबह के ध्यान को भी सुबह का एक काम समझेंगें। हालाँकि कुछ दिनों के अभ्यास के बाद आप पाएंगे कि सुबह का ध्यान ही सुबह उठने के भय को भगा देगा। बस कुछ दिन अपने भीतर के अवरोध पर ध्यान न देकर पूर्ण एकाग्रता से ध्यान से होने वाले लाभों पर ध्यान दे।
सुबह के नियमित कार्यों को योजनाबद्ध करें
ज्यादातर लोगों के लिए सुबह का समय बहुत ही व्यस्त होता है। काम के लिए तैयार होना, परिवार को दिनभर के लिए तैयार करना, ऐसे में ध्यान को सुबह के समय में जोड़ना बहुत कठिन प्रतीत हो सकता है। वास्तव में ध्यान आपकी व्यस्त सुबह को सहज कर सकता है। सुबह कि शुरुआत एक शांत और प्रसन्न मनोस्थिति से करके आप काम समय में अधिक प्राप्त कर सकते हैं।
शोर को शांत करे
यद्यपि एक शांत स्थान में ध्यान करना आदर्श स्थिति है, पर ये कर पाना हमेशा संभव नहीं है। हममे से ज्यादातर लोग भीड़भरे स्थानों में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे व्यस्त वातावरण में ध्यान करने के लिए हमें अपनेआस पास के शोर को अनदेखा करना होगा। शोर का विरोध करने के स्थान पर स्वीकार करें। और अपनी सांस पर वापस आ जाएँ, गहरी और लम्बी साँसे लेते हुए।
कभी कभी शोर बाहर कि बजाय भीतर होता है। आप भले ही एक शांत स्थान में बैठे है पर आपके भीतर मन में विचारों कि दौड़ आपको एकाग्र नहीं होने दे रही। फिर से खुद से नाराज़ न हों अपने विचारों का विरोध न करे। बसविचारों को देखें और पुनः अपनी सांस यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि सूर्य का प्रकाश हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। दिन में ध्यान के समय कुछ समय सूर्य प्रकाश में भी बिताये, इसका प्रयास करें।पर ध्यान ले आएं। ध्यान के समय मन्त्र बहुत सहायक होते है। यदि आप ध्यान के लिए अपना व्यक्तिगत मन्त्र पाना चाहते है तो आर्ट ऑफ़ लिविंग के सहज समाधि प्रोग्राम में भाग लें।
प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करें
यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि सूर्य का प्रकाश हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। दिन में ध्यान के समय कुछ समय सूर्य प्रकाश में भी बिताये, इसका प्रयास करें।
आपके जागने के बाद के कुछ क्षण आपके दिनभर के लिए एक सकारात्मक दिशा निर्धारित कर सकते है। सुबह का नियमित ध्यान आपको सुन्दर सुबह के समय जगाता है, आपका नजरिया सुन्दर, सकारात्मक होता है और आप एक सकारात्मक जीवन जीते है। सुबह जाग कर ध्यान करें और जाने दिन भर प्रसन्नता से जीना क्या होता है।
श्री श्री रविशंकर जी के साथ ध्यान करें
आपके जागने के बाद के कुछ क्षण आपके दिनभर के लिए एक सकारात्मक दिशा निर्धारित कर सकते है। सुबह का नियमित ध्यान आपको सुन्दर सुबह के समय जगाता है, आपका नजरिया सुन्दर, सकारात्मक होता है और आप एक सकारात्मक जीवन जीते है। सुबह जाग कर ध्यान करें और जाने दिन भर प्रसन्नता से जीना क्या होता है।