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यदि तुम ध्यान नहीं कर सकते- बेवकूफ हो जाओ!
यदि तुम ध्यान नहीं कर सकते- बेवकूफ हो जाओ! यदि तुम ध्यान करने में असमर्थ हो, यदि तुम्हारा मन अत्यधिक बातें कर रहा है और कुछ भी काम नहीं कर रहा, सिर्फ महसूस करो कि तुम थोड़े से बेवकूफ हो। तब तुम गहनता में डूब सकोगे। तुम्हारी बुद्धि तुम्हारी सम्पूर्ण चेतन ... -
बीन्स (फलियाँ) इन यूगांडा की महिलाओं की घनिष्ठ दोस्त हैं
अक्टूबर 2016 यूगांडा से एक बेहतरीन कहानी प्रस्तुत है यूगांडा के गांव से पांच साहसी महिलाओं द्वारा लिखित सफलता की कहानी- फलियों के साथ। एक नॉन प्रॉफिट परियोजना, जिसको एम्पावर्ड वॉइस, कहा जाता है, नॉर्वे के लेने मार्टिनसेन और यू एस की कैली सवीने द्वारा 201 ... -
रीता सिंह- साहस की आवाज़
“दिसंबर 11, 2005, पूर्बी चंपारण डिस्ट्रिक्ट, बिटाउना गाँव- लगभग शाम के 7:00 बजे, करीब-करीब 50- 60 नक्सलवादी (एक मॉउईस्ट कम्युनिस्ट दल, भारत में आतंकी संगठन गैरकानूनी गतिविधि कार्य के अंतर्गत (निवारण) घोषित किया गया), पुरुष व महिला दोनों ने, मेरे सामने म ... -
दिवाली का वास्तविक अर्थ- श्री श्री रवि शंकर
दिवाली प्रकाश का पर्व है। गलियाँ और इमारतें रंग-बिरंगी रोशनियों से जगमग की जाती हैं। दिवाली के चार पक्ष इस प्रकार से हैं : 1. प्रकाश - यह ज्ञान के विस्तार का प्रतीक है । 2. पटाखे - चलते हुए पटाखे देखने से अंदर की विस्फोटक प्रवृत्तियों को आराम मिलता है ... -
दिवाली के बाद इन 7 चीज़ों से करें डीटोक्स
विशेष दिवाली के बाद अपने दिन की शुरुआत एक ग्लास निम्बू पानी से करें अत्यधिक एंटी ओक्सिडेंट गुणों से भरपूर ग्रीन टी रोगों से लड़ने में सहायक होती है भीगे हुए सूखे मेवों में हमारे सिस्टम को फिर से नया करने की क्षमता है दिवाली के उत्सव सम्पन्न होने के सा ... -
ऑनलाइन प्राणायाम एवं ध्यान शिविर
इससे न केवल मुझे स्वास्थ्य समस्याओं पर नियंत्रण पाने में मदद मिली, बल्कि मैं अब शर्मीले स्वभाव से निकलकर आत्मविश्वासी और मित्रवत हो गयी हूँ। पंखुड़ी शुक्ला, 27, ग्राफिक डिज़ाइनर बेंगलुरु श्वांस की इस अनोखी प्रक्रिया ने मुझे साहस और आत्मविश्वास के साथ जोखिम ... -
Youth Connect Festival
--> यूथ कनेक्ट फेस्टिवल 2021 शानदार जीवन के लिए, एक शानदार कौशल प्राप्त करें। शारीरिक | भावनात्मक | सामाजिक | प्रोफेशनल युवाओं के लिए ऑनलाइन प्राणायाम ध्यान शिविर राष्ट्र स्तरीय शिविर में भाग लें 15-30 नवंबर 2021 “मंजिल मिलनी तो तय है, बस तू खुद को खोज! ... -
कैसे एक आदमी ने कम लागत वाले शौचालय लाने के लिए बाधाओं का मुकाबला किया
मेरी पत्नी अंजलि ने अपने गहने मेरे हाथों में दे दिए। "उन्हें उन शौचालयों के लिए गिरवी रख दें जो आप बना रहे हैं," उसने कहा। मैं नम्र, आभारी और उस पर गर्व कर रहा था। उनके शुरुआती सहयोग से ही कई घरों में शौचालय बन गए! खुले में शौच से लड़ने की मेरी ... -
वेदवती नदी के कायाकल्प की कहानी
पूर्व में एक कलाई घड़ी संयोजनकर्त्ता के रूप में नागराज का काम था यह सुनिश्चित करना कि सभी घड़ियाँ बिलकुल समयानुसार चलें। और फिर एक समय आया जब नागराज को मृत हो रही वेदवती नदी को पुनर्जीवित करने का वास्तविक उद्देश्य मिल गया — एक ऐसा कार्य जो कालांतर में भ ...