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ध्यान और स्मृति
"जब मन व्याकुलता से मुक्त हो जाता है, धीर, निर्मल और शांत हो जाता है, तब ध्यान होने लगता है । ध्यान करने से ऊर्जा का एक आंतरिक स्त्रोत उत्पन्न करके, आप अपने शरीर को ऊर्जा घर में बदल सकते हैं ।" - गुरुदेव आपकी यादें या तो आपको उदास कर सकती है, ... -
पहला कदम उठाओ
आदत अक्सर यह पाया जाता है हम अपनी आदतों से बहुत परेशान रहते हैं। दो तरह की आदतें होती हैं। कुछ आदतें है जैसे दंत मंजन करना, स्नान करना… यह सब आदतें अच्छी हैं पर कुछ आदतें ऐसी हैं जो हमको पीड़ा देती हैं। आदतें हमको वायदा करती हैं तो सुख देने कि मगर देती है ... -
बोर हो रहे हों तो क्या करें
कोई प्रज्ञावान या कोई तेज दिमाग का व्यक्ति हो वह फिजूल चीजों से बोर हो जाते हैं, वह इसमें पड़ते नहीं। कुछ चीजें हम बेहोशी से करते रहते हैं जिससे भी हम बोर नहीं होते। यहाँ मैं कहूँगा सच में बोर हो जाना चाहिए आपको तो वही टीवी देखते रहते हो वही खाते रहते हो, ... -
अकेलापन एक बीमारी है
आज तेजी से एक बीमारी फैल चुकी है, वह पता है क्या है? – अकेलापन, लोनलीनेस। ब्रिटन में, यू.के. में उन्होंने एक मंत्रालय ही खोल दिया, अकेलापन का मंत्रालय। सब कुछ होते हुए.. पत्नी है, पति है, बच्चे है, घर है, गाड़ी है, संपत्ति है, बैंक बैलेंस काफी मोटा है, यह ... -
बैचैनी और घबराहट को झट से दूर करने के शानदार टिप्स
बेचैनी क्या होती है? बेचैनी तुम्हें चुप नहीं रहने देती। इसी को बेचैनी कहते हैं न? क्या कहते हैं बेचैनी को? काम करने जाओ तो मन नहीं लगता। लगता है छोड़ें। चुप बैठे हैं तो चुप नहीं रह सकते। न चुप रह सकते हैं, न काम कर सकते हैं, ऐसी स्थिति में करें क्या? शर ... -
पुरानी विरासत बचाए रखना ज़रूरी है
प्रश्न: गुरुदेव, भारत में अब भी ऐसी जगह हैं जिन्होने बहुत समय बीतने पर भी अपना व्यक्तित्व बनाये रखा, अपनी जीवनशैली बनाए रखी। जहाँ समय बहुत परिवर्तन लाया है वह जगह अपनी जड़ों से संबंध कैसे गहरा कर सकती हैं? 150 साल पुराना है आर्ट ऑफ़ लिविंग का जर्मनी आश्रम ... -
प्रेम और लड़ाई: प्रेम बढ़ाने के लिए लड़ना ज़रूरी है?
प्रश्न: कई बार लड़ कर भी लोग ज़्यादा पास आ जाते हैं । क्या लड़ने से भी प्रेम बढ़ता है? यदि हाँ, तो कितना लड़ना चाहिए? और क्या यह तरीक़ा गुरु के पास भी ले के जा सकता है? विवाद के साथ यदि ज्ञान की उपस्थिति हो तो फिर आनंद है भई लड़ने का कोई थर्मामीटर तो ह ... -
सत्संग क्यों आवश्यक है?
हमारा जीवन कैसा है? पानी जैसा। जिसमें डालोगे वैसा हो जाता है। सत्संग में डालते हो, तो सत्संग में, उस ऊर्जा में, तुम वैसे हो जाते हो। जिस संगत में होते हो, वैसे तुम्हारी जीवन धारा बहने लगती है। जहाँ पर भी मन डालते हैं, वो उस रूप को ले लेता है। इसलिए भी सत ... -
होली का रहस्य: कैसे जन्मे कार्तिकेय
दक्षिण भारत में यह कहावत है कि होली के दिन शिव जी आँख बंद कर के तपस्या में बैठे हुए थे। फिर जगत में आसुरी शक्ति बहुत बढ़ने लगी। एक ताराकासुर नाम का एक असुर था। वह सब को बहुत पीड़ा दे रहा था। उस को पता चल गया कि शिव जी तो अकेल बैठे हैं। अब शिव जी की संतान से ... -
87 वर्ष के युवा जिन्होनें बदल दी भारत के घाटशिला में आदिवासियों की तस्वीर
भारत की राष्ट्रीय युवा नीति कहती है कि अगर आप 15 से 29 साल के हैं तो ही आप युवा हैं लेकिन गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी कहते हैं कि युवा होना आपकी उम्र पे कतई निर्भर नही करता; वह तो आपका जीवन जीने का जोश, उत्साह और दुनिया मे कुछ कर गुजरने का जज़्बा निर्धारि ...