नाखून चबाने से लेकर लगातार अपने फोन के साथ खेलने तक, लोगों को दादागिरी दिखाने से लेकर, कामों को टालने तक, क्या हम सभी में कुछ सामान्य या अजीब ऎसी आदतें नहीं होतीं जिनसे हम मुक्त होना चाहते हैं? तो चिंता मत कीजिए, ऐसा करने में अभी देर नहीं हुई!
कुछ ऐसा है जो आपकी सहायता कर सकता है, कुछ ऐसा जो इन दिनों बहुत से युवा कर रहे हैं, और उन्होंने साझा किया है कि वे लाभान्वित हो रहे हैं।
आइए एक दृष्टि डालते हैं ऎसी कुछ आदतों पर जिन्हें कुछ युवाओं ने साझा किया है और देखते हैं कि उनसे कैसे निपटा जा सकता है।
#1 'मैं लगातार दूसरे लोगों से अपनी प्रशंसा की आशा करता रहता हूँ'
मान लीजिये कि आप कालेज में प्रेजेंटेशन देते हैं और कोई भी उसकी तारीफ में कुछ खास नहीं कहता; इसलिए नहीं कि वो उन्हें पसंद नहीं आया, संभवतया उन्हें पसंद आया परन्तु उन्होंने कहा नहीं। क्या आप लोगों से पूछते हैं कि यह कैसा था, इस उम्मीद से कि कोई तो कुछ अच्छे शब्द कहेगा ?
जब कोई आपकी तारीफ करता है, तो खुश होना बहुत स्वाभाविक है | विशेष रूप से युवाओं के रूप में हमारा यह मनोभाव होता है कि 'दुनिया को बताएं, मैं महान हूँ'। यह अनुभव करने के लिए अच्छा है, लेकिन क्या हमें वास्तव में हमेशा लोगों से आश्वासन की आवश्यकता है, कि जो हम कर रहे हैं वो अच्छा है ? कहीं न कहीं हम जानते हैं कि हम अच्छे हैं। है न? हमें केवल कुछ विश्राम और कायाकल्प की आवश्यकता है।
ध्यान का नियमित अभ्यास आपको विश्राम देता है यह आपको इतना आत्मविश्वासी बनाता है कि आपको किसी की प्रशंसा की आवश्यकता नहीं होती। जब आप सही नहीं होते, उन समयों में यह आपको अपनी कमियों से अवगत कराता है और फिर आप वापस जाकर चीज़ों को सही कर सकते हैं।
सुझाव - वह समय जब कोई आपकी प्रशंसा नहीं कर रहा है, आप स्वयं की प्रशंसा करें।
#2 'मैं चाहता हूँ कि लोग मेरे तरीके से काम करें'
मान लीजिये, आप अपने सहकर्मीयों के साथ एक परियोजना पर चर्चा कर रहे हैं और हर कोई विभिन्न विचारों के साथ आता है। क्या आपके भीतर उन्हें यह समझाने की तीव्र इच्छा होती है कि आपके विचार ही सबसे अच्छा काम करेंगें ?
या मान लीजिये, आपके मित्र और आप एक साथ बाहर भोजन करने का निर्णय लेते हैं। अब चूँकि केवल आप चाहते हैं कि आपके सभी मित्र आपके पसंदीदा रेस्तरां में जायें, क्या आप यह कहकर अपनी पसंद को सही ठहराना शुरू करते हैं, "यार यह नज़दीक है, हमारे बजट में भी है और लोग भी अच्छे आते हैं। मैं आप लोगों को बता रहा हूँ कि यह अभी सबसे अच्छी पसंद है।"
और यह लोगों को अपने तरीके से काम कराने की तीव्र इच्छा ज्यादातर इस भावना से आती है कि 'केवल जो मैं कहता या करता हूँ, सही है या सबसे अच्छा है'। और तभी हम लोगों पर दादागिरी करते हैं, जब हम चाहते हैं कि सब काम हमारे तरीके से हों। क्या ऐसा नहीं है ?
ठीक है, परेशान मत होइये! आप आसानी से इस आदत का ध्यान रख सकते हैं। आपको बस इतना करना है कि आप दूसरों के दृष्टिकोण को भी स्वीकार करें। आपको उनके सोचने के तरीके और काम करने के लिए उन पर भरोसा करने की आवश्यकता तो है ही साथ ही उनके विचारों के लिए अपने दिमाग को खुला रखने की भी ।
अच्छी खबर यह है कि ध्यान करने से आपको इसमें सहायता मिलेगी।
जब आप नियमित रूप से ध्यान करते हैं, आप स्वयं को और अधिक मित्रतापूर्ण पाकर आश्चर्यचकित होते होंगे। स्वीकृति की गुणवत्ता, वास्तव में लंबे समय के लिए आपकी मदद करेगी। आप एक बहुत अच्छे टीम लीडर बन पायेंगे।
सुझाव -अगली बार जब आपको लोगों से अपने तरीके से काम कराने की इच्छा हो, बस अपने आप से पूछो : अगर लोग मुझ पर दादागिरी करेंगे, तो क्या मुझे अच्छा लगेगा ?
#3 'मैं जब 10 लोगों के बीच में हूँ तब भी हमेशा निरर्थक ही अपने फोन के साथ लगा रहता हूँ’
क्या आप इसे पढ़कर मुस्कुरा रहे हैं ?
मान लीजिये, बाहर आप अपने मित्रों के साथ अपने पसंदीदा भोजनालय में खा-पी रहे हैं। कई बार आप कितना आनंद ले रहे हैं उसके बारे में twitter पर, कुछ ट्वीट करने के लिए या फिर कोई संदेश देखने के लिए या फिर, किसी को वाट्स-एप करने के लिए और अगर कुछ नहीं तो बस समय की जांच करने के लिए आप अनगिनत बार अपना फोन उठाते हैं |
क्या आपने देखा कि आपका ध्यान अपने मित्रों के पास केवल आंशिक रूप से है और अपने फोन पर ज्यादा? जब आप समूह में होते हैं, अधिकतर आप पूरी तरह से जानते भी नहीं कि आपके दोस्त किस बारे में बात कर रहे हैं। इसके मुख्य कारणों में से एक ये है इस प्रकार की भावना कि आप अपने फोन के बिना कुछ मिनटों के लिए भी नहीं रह सकते !
ध्यान का नियमित अभ्यास आपको बस उस पल में होने की और उसका पूरी तरह से आनंद लेने की क्षमता देता है। वह पल कुछ भी हो सकता है, अपने दोस्तों के साथ घूमना या टेलीविजन देखना। अब इसका यह मतलब नहीं है कि आप अपने फोन का उपयोग बिल्कुल न करें लेकिन केवल तब उपयोग करें जब वास्तव में उसकी जरूरत हो।
सुझाव- जब आप लोगों के साथ होते हैं, तब यदि आप अपने फोन में निरर्थक ही व्यस्त हैं, उस समय अवश्य ही अपने आप से पूछें: 'क्या यह वास्तव में अभी महत्वपूर्ण है?' और अगर नहीं है, तो आप स्वयं ही इसे अपनी जेब में वापस रखेंगे और बस उस समय अपने लोगों के साथ रहेंगे।
क्या यह आश्चर्यजनक नहीं है, ध्यान से कैसे हमें अपनी किसी भी आदत से मुक्त होने में मदद मिल सकती है! ठीक है, फिर आप किसका इंतजार कर रहे हैं?
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