ध्यान के द्वारा पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाएँ| How to Improve Concentration in Studies with Meditation
बच्चों के लिए कुछ सलाह जिससे वे अच्छे अंक प्राप्तकर अपने माता पिता व अध्यापकों को गौरान्वित करें। ध्यान पढ़ाई में एकाग्रता व स्मृति शक्ति बढ़ाने का रहस्य है।
इतिहास की कक्षा लगी है। आपकी किताब सामने खुली है। बिना कुछ पढ़े आप उसे देख रहे हैं ऐसा लगता है कि अध्यापक आपके दिमाग़ में विदेशी भाषा में कुछ ठूंस रहें हैं। आप शरीर से वहाँ हैं पर मन कहीं और है।
स्कूल में रोज़ का एक साधारण दृश्य, किसी रोचक कॉमिक या रोमांचक / रहस्यमयी उपन्यास में कैसे मन रम जाता है वहीं पढ़ाई की किताबों में विशेषकर जो विषय आपकी रूचि के नही हैं, स्थिति एकदम उल्टी होती है। हम कैसे अपनी पसंद के टीवी कार्यक्रम में घंटों आँखें गड़ाए रहते हैं और किसी शोध पत्र या तकनीकी रिपोर्ट का एक पैराग्राफ (अनुच्छेद) भी नही पढ़ा जाता है।
बच्चों में एकाग्रता का अभाव माता पिता व अध्यापकों के द्वारा की जाने वाली सामान्य शिकायत है और हमारी हर समय की दुश्मन। सबसे मुश्किल यह है की यह हमारा साथ तब छोड़ती है जब हमें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। जैसे किसी परीक्षा के एक दिन पहले रात को पढ़ते समय। एक साधारण तकनीक जिसे ध्यान कहते हैं, इस समस्या का एक पूर्ण निदान है। बहुत से शोधों में पाया गया है कि ध्यान के नियमित अभ्यास से एकाग्रता में वृद्धि होती है और उसे नीरस कार्य करते समय भी ज़्यादा देर तक बनाए रखा जा सकता है। पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी की शोध के अनुसार कुछ मिनट का प्रतिदिन ध्यान का अभ्यास लोगों की ध्यानकेंद्रित करने की क्षमता (focus) व कार्यक्षमता में वृद्धि करता है।
ऐसे बहुत से उदाहरण हैं कि किस तरह ध्यान सबसे मुश्किल क्षणों में आपका रक्षक बन सकता है, जब आपको अतीव सजग होने की आवश्यकता हो।
यहाँ हम कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं:
एकाग्रता बढ़ाने के ८ नुस्खें
- अपने विषय से प्रेम करें और यह आपको अच्छे अंक दिलाएगा
- अच्छी नींद लें, यदि इतिहास की कक्षा में नहीं सोना चाहते हैं
- स्वास्थ्यप्रद भोजन करें, विचलित मन से बचने के लिए
- प्रतिदिन योग का अभ्यास करें और निरसता आप से दूर रहेगी
- मनोरंजन के लिए ज़्यादा समय चाहिए, प्राणायाम करें
- सुदर्शन क्रिया को अपना प्रतिदिन का गृहकार्य बनाए और अपने दूसरे गृह कार्य को मजेदार बनाए
- हररोज़ ध्यान करें
- इंट्यूशन प्रोसेस अवश्य करें
महत्वपूर्ण समय के दौरान ध्यान कैसे अपना उद्धार करके हमें सतर्क बना सकता है इस बारे में काफी सुझाव उपलब्ध है। हम यहाँ नीचे उनमें से 8 को सूचीबद्ध कर रहे हैं।
अपने विषय से प्रेम करें और यह आपको अच्छे अंक दिलाएगा
![](/sites/www.artofliving.org/files/styles/pink_box_small_image/public/wysiwyg_imageupload/Studying_0.jpg?itok=8Lm3QyO9)
यह एक रहस्य है जब आप अपने विषय से प्रेम करने लगते हैं, आप स्वतः ज़्यादा एकाग्र और सजग हो जाते हैं। इसलिए यदि आप केमिस्ट्री से घृणा करते हैं तो आप केमिस्ट्री की किताब से बोलें, " मैं तुम्हे बहुत प्रेम करता हूँ" । और बदलाव को देखें। क्या आपको क्रिकेट मैच या किसी मनोरंजक मूवी के लिए एकाग्र होना पड़ता है बस हो जाते हैं, हैं ना? आपकी किताबों के लिए भी यह सच है, उन्हे पसंद करेंगे और आप बेहतर एकाग्रता पाएँगें। परिणामस्वरूप अच्छे अंक।
अच्छी नींद लें, यदि इतिहास की कक्षा में नहीं सोना चाहते हैं
![](/sites/www.artofliving.org/files/styles/pink_box_small_image/public/wysiwyg_imageupload/Troubled-sleep.jpg?itok=xzOBf2B7)
पर्याप्त विश्राम के अभाव में आप झुंझलाहट महसूस करते है और किसी बात पर ध्यान देना आसान नहीं होता है । वैसे आपको सुनिश्चित करना है कि आपका शरीर व मन पर्याप्त विश्राम कर सके एक अच्छी 8 घंटे की नींद लें और कम से कम २० मिनट प्रतिदिन ध्यान करें। ध्यान सुबह दोपहर के खाने से पहले अच्छा रहेगा, ये आपको शारीरिक व मानसिक विश्राम देगा और दोपहर के खाने के बाद ऊंघने से बचाएगा, साथ ही एकाग्रता को बढ़ाएगा ।
स्वास्थ्यप्रद भोजन करें, विचलित मन से बचने के लिए
![здравословна храна](/sites/www.artofliving.org/files/styles/pink_box_small_image/public/wysiwyg_imageupload/healthy-foods.jpg?itok=5gfl7v08)
आपकी सजगता की क्षमता के सुधार में भोजन का महत्वपूर्ण योगदान है। जितना हम मिठाइयों, चाकलेट, आइस्क्रीम और दूसरे जंक फूड (अस्वास्थ्यप्रद स्वादिष्ट भोज्य पदार्थ) से हम अपना पेट भरते हैं, उतना हमारा मन विचलित होता है। और सीधी सी बात है आप अपना मन पढ़ाई में नही लगा पाते हैं। सीधा संबंध है मन की शांति व एकाग्रता का, इसलिए आप क्या खाते है इसे सावधानी से चुनें। मसालेदार व बहुत मीठे भोज्य पदार्थों से दूर रहे और तले हुई चीज़ों का प्रयोग कम करें। ये आपको आलस / भारीपन का अनुभव कराता है ख़ासकर दोपहर में, जब आप गृह कार्य(होमवर्क) के लिए बैठते हैं। अपने खाने में फल, सब्जियाँ, सलाद, जूस आदि सम्मिलित करें।
नोट: आयुर्वेदिक दवाइयाँ भी एकाग्रता की वृद्धि में सहायक है। देववॅटी , ब्राहमी उदाहरण है, श्री श्री आयुर्वेद के डॉक्टर से संपर्क करें और आयुर्वेदिक आहार व पूरक तत्वों को जानें।
प्रतिदिन योग का अभ्यास करें और निरसता आप से दूर रहेगी
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योगासन जैसे सूर्य नमस्कार और सर्वांगासन हमारे मस्तिष्क मे रक्त प्रवाह की वृद्धि करते हैं। फलस्वरूप आप बढ़ी हुई सजगता और सतर्कता पाते है। मन काम से भटकता नही है और आप उस काम को अच्छे से करते हैं।
मनोरंजन के लिए ज़्यादा समय चाहिए, प्राणायाम करें
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क्या आप विश्वसस करेंगें कि 2.5 मिनट का प्राणायाम 3 घंटो के लिए एकाग्रता को बनाए रखता है और उसमे वृद्धि करता है। एकाग्रता प्राणायाम आर्ट ऑफ लिविंग के युवाओं के कार्यक्रम में सिखाया जाने वाला प्राणायाम यह करता है। यह आपकी याददाश्त को बढ़ाता है और पढ़ाई पूरी करने के समय को कम करता है, ताकि आपके पास खेलने के लिए ज़्यादा समय हो। कूल है ना!! यस (YES) कोर्स करें और यह मजेदार तकनीक सीखें।
सुदर्शन क्रिया को अपना प्रतिदिन का गृहकार्य बनाए और अपने दूसरे गृह कार्य को मजेदार बनाए
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बेहतर समय का प्रबंधन, अच्छे ग्रेड, बढ़ी हुई एकाग्रता, भविष्य के लिए सही निर्णय, सुधरे संबंध, प्रतिस्पर्धा व सहयोगियों के दवाब के सामना का बल, क्रोध में कमी, आप नाम लीजिए और सुदर्शन क्रिया आपको वह प्रस्तुत कर देगी। यह एक विशिष्ट श्वसन प्रक्रिया श्री श्री रविशंकर जी के द्वारा निर्मित, मन के विचारों को कम करने में मदद करती है, जिससे एकाग्रता बेहतर होती है, विशेषकर जब आपको इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत हो।
हररोज़ ध्यान करें
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आप अपने स्कूल, कॉलेज, घर या अपने मित्रों के साथ बगीचे / पार्क में भी ध्यान कर सकते है। अपने दोस्तों के साथ ध्यान करने से एक दूसरे के ऊपर विश्वास बढ़ता है (दोस्ती घनिष्ट बनती है)। आप परीक्षा का डर कुछ मिनिटों के ध्यान से मिटा सकते है और आपके विचारों में एकाग्रता और स्पष्टता भी आती है।
इस व्हिडियो में गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी ने मन और नकारात्मकता पर भाष्य किया है। :
आर्ट ऑफ़ लिविंग का इंट्यूशन प्रोसेस अवश्य करें
![](/sites/www.artofliving.org/files/styles/pink_box_small_image/public/wysiwyg_imageupload/Intuition%20process%20Page%201_0.jpg?itok=zygH-vyN)
इंट्यूशन हमारा छठा इंद्रिय है, वही आपकी अंदरूनी अनुभूति है और आप के जन्म से आपके साथ है। इंट्यूशन बच्चों में स्वाभाविकतः वयस्क लोगों से तेज़ होता है। आज की अध्यापन पद्धति हमें अपने बुद्धि पर ज्यादा विश्वास करना सिखाती है और यही कारण है की हम अपनी अंदरूनी आवाज को सुनना भूल जाते है। बुद्धि से लिए गया फैसला गलत हो सकता है लेकिन आपकी अंदरूनी आवाज (इंट्यूशन) कभी गलत नहीं होती । ऐसा देखा गया हे की जो लोग अपनी बुद्धि अपनी अंदरूनी आवाज (इंट्यूशन) को सुनने में लगाते है वह जीवन में आगे बढ़ जाते है।
यह अद्भुत प्रक्रिया सिर्फ़ आपको अपने भीतर की आवाज के साथ संपर्क में लाने में मदद करता है। यह अचानक ही कठिन विषयों को बच्चों का खेल बना देता है। गणित और संख्याएं रोमांचक बन जाते हैं, रसायन विज्ञान और कार्बन परमाणुओं और अधिक अनुकूल, राजनीति विज्ञान पहले से कई अधिक रोचक, और इतिहास के दिनांक आसानी से याद हो जाते हैं। परीक्षा का डर गायब हो जाता है और किन भागों का बेहतर अध्ययन किया जाना चाहिए आप पहले से जान सकते हैं।
और सबसे अच्छी बात यह हे की - आप यह सब २ दिन में सिख सकते है। इंट्यूशन प्रोसेस
किशोर ध्यान अभ्यासियों का क्या कहना है
"एकाग्रता प्राणायाम सीखने से में अपना समय का योजनाबद्ध उपयोग कर रही हूँ। अभी में स्कूल से आने के बाद मेरा होमवर्क पहले से आधे समय में हो जाता है। मेरे दोस्तों के साथ अब २ घंटे बगीचे में खेलती हूँ और माँ भी नहीं डांटती।" - शिवानी राजपाल (उम्र १२ साल)
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"मेरे बोर्ड परीक्षा के पहले में बहोत तनाव में था । मेरे लिए सभी विषयों को एक साथ सीखना और याद करना मुश्किल हो गया था इस दौरान सुदर्शन क्रिया ही मेरा सहारा थी। क्रिया की वज़ह से मुझे जो भी सीखा था वह काफ़ी याद रहा और परीक्षा में भी में तुरंत उत्तर लिख पाया। " - नीरज कालरा
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"में एक बेटी की माँ हूँ और मेरी बेटी ने यस कोर्स करने से में खुद चिंतामुक्त हो गयी। उसने स्वस्थ शाकाहार अपना लिया है। अब में उसे अपने अध्ययन पर बहोत अच्छे से केंद्रित होती देखती हूँ। वह पाठ्येतर गतिविधियों में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। अब दिनभर उसमें दिखने वाला उत्साह सराहनीय है।" - उमा सहानी
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"हर समय परीक्षा से पहले में तनाव से भर जाती थी। मुझे दर लगता था लेकिन ध्यान सीखने के बाद सब कुछ बदल गया। अब में कम समय में पढ़ लेती हूँ। अपनी परीक्षा भी शांत मन से लिख पाती हूँ।" - संध्या गौतम
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याद रखें !!
ध्यान बस घटता है, ध्यान के समय एकाग्रता का प्रयास ना करें ।
एक सामान्य मिथक को समाप्त करने का समय है जो कहता है कि ध्यान एकाग्रता है वास्तव में ध्यान इसके विपरीत है और अच्छी सजगता और एकाग्रता ध्यान के सह उत्पाद हैं।
जब आप ध्यान करते है चाहे कुछ मिनटों के लिए ही, आपका घुमक्कड़ मन (जो विशेषकर उन नीरस कक्षाओं में) कहीं भी घूमने निकल जाता है, ठहरेगा और आप उस काम पर ध्यान दे पाएँगे जो अभी हाथ में है।
भानुमति . नरसिन्हमन जी (सहज समाधि ध्यान की टीचर ) अक्सर बताती है कि ध्यान हमारे मन को घुमक्कड़ मन से चकित मन में बदल देता है।
श्री श्री रविशंकर जी की ज्ञान वार्ता से प्रेरित
प्रेरणा का अभाव व बेचैनी अनुभव कर रहे हैं? क्या भावनाएँ आपको निजी और पेशेवर जीवन में परेशान कर रहीं है? नीचे दिए फॉर्म को भरें और ध्यान के बारे में और जानें। जो आपको रोजमर्रा की परेशानियों से बाहर आने में सहायक है और जीवन को और सुंदर बनाता है।