क्या किसी दिन आप ऎसा करना चाहोगे जब आप अपने बालों को पकड कर खिंचो, अपने दाँत पीसो और अपनी मुट्ठी कस कर रखो ? अच्छा जरा करके देखो, पूरी तरह से अपनी मुट्ठी कस लो । बल्कि, अपने पूरे शरीर को कस लो। पूरी साँस बाहर निकालो, अपने पेट को अन्दर की ओर खिंचो, त्यौडियां सिकुडी हुई और होठ एक साथ पुरी तरह से बन्द। और अब, मुंह से हा!!! की आवाज के साथ इस अवस्था से बाहर आ जाते हैं । आपको सबसे ज्यादा मजा किसमें आया ? क्या आपने मुट्ठी बंद रखने या हा!!! की आवाज छोडने का आनंद लिया ?
उपरोक्त प्रक्रिया, कई सूक्ष्मयोग सूक्ष्मयोग (तीव्र या छोटी) योग तकनीकों में से ही एक है। विश्राम देने वाली इन योग तकनीकों में गुणवत्ता-फर्क सिर्फ इतना है कि वे सरल, लघु और तीव्र हैं। इनको आप उन दिनों में भी कर सकते हैं जब आपको अपने बाल खींचने का मन कर रहा है। पल्लवी जोशी, जो सूक्ष्मयोग सूक्ष्मयोग की एक नियमित अभ्यस्त हैं, वो कहती हैं, "यह अपने आप को, आराम देने के सबसे तेज तरी्कों में से एक है"। एक अन्य सूक्ष्मयोग सूक्ष्मयोग प्रेमी कहते हैं, "इसे आप किसी भी समय और कहीं पर भी - अपने घर, कार्यस्थल, या यात्रा करते समय अपनी कार, बस या हवाई जहाज में बैठ कर भी योग के रूप में कर सकते हैं"।
सूक्ष्म योग को अलग से कोई तैयारी और समय की आवश्यकता नहीं हैं। ये छोटॆ योग अभ्यास शरीर में तीव्र ऊर्जा द्वार खोल देते हैं और सात मिनट जैसे छोटे से सत्र में आप अत्यधिक स्पष्ट फर्क महसूस कर सकते हैं।
इस लेख में चेहरे और सिर के सूक्ष्म योग व्यायाम के प्रति निर्देश दिये गए हैं।
सर की मालिश
![Sukshma yoga for relaxation](/sites/www.artofliving.org/files/styles/original_image/public/wysiwyg_imageupload/Sukshma%20yoga%20for%20relaxation.png?itok=grBblc2C)
जब कुछ गलत हो जाता है, तब हम, हमारे हाथों को अपने सिर पर रख लेते हैं और 'हे भगवान!' कहते हैं। ऎसे में, मालिश दिमाग को आराम देती है और जब दिमाग शान्त हो जाता है, तब जीवन सहज हो जाता है।
भौहों की मालिश
![](/sites/www.artofliving.org/files/styles/original_image/public/wysiwyg_imageupload/sukshma-yoga-pose1_2_0.jpg?itok=PKiPg_Uf)
पांच-छ्ह बार अपने अंगूठे और तर्जनी अंगुली का उपयोग कर अपनी भौहों को अच्छे से दबाएं। क्या आप जानते हैं कि जब हम चेहरे को सिकोडते हैं तो बहतर (72) मांसपेशियों का उपयोग करते हैं और मुस्कान के लिए केवल आधी मांसपेशियों ।
आँखों को घूमना
![eye excercise](/sites/www.artofliving.org/files/styles/original_image/public/wysiwyg_imageupload/eyes_0.jpg?itok=XhVSIIL0)
अपनी आँखों को पांच-छ्ह बार घडी की चाल के मुताबिक और फिर घडी की चाल के उलट दिशा में घुमाएं ।
आँखों को बंद करना और खोलना
![eye rotation](/sites/www.artofliving.org/files/styles/original_image/public/wysiwyg_imageupload/eye-369557_960_720.jpg?itok=KOF8Ga38)
अपनी आँखें पूरे जोर से बन्ध करें और फिर उन्हें पूरा खोलें। इसे दस से पन्द्रह बार दोहराएँ।
कानों को खींचे
![](/sites/www.artofliving.org/files/styles/original_image/public/wysiwyg_imageupload/sukshma-yoga-ears_0.jpg?itok=7yaT_a4P)
कानों को घुमाएं
![Sukshma vyayama yoga for relaxation](/sites/www.artofliving.org/files/styles/original_image/public/wysiwyg_imageupload/Sukshma%20vyayama%20yoga%20for%20relaxation.png?itok=-lgQbwUu)
जब तक आपके कान गर्म न हो जाएं, अपने कान पकड़ो और उन्हें घडी की चाल के मुताबिक और घडी की चाल के उलट दिशा में तब तक ऎसे घुमाएं (जैसे एक साइकिल चलाते हैं)।
जबड़ों की मालिश
![](/sites/www.artofliving.org/files/styles/original_image/public/wysiwyg_imageupload/sukshma-yoga-jaws_0_0.jpg?itok=vM6cGP-T)
तीन उंगलियों, (पहली, मध्यमा, और अंगूठी वाली उंगली) को जबड़े के जोड से ठोड़ी की ओर चलाएं और अपने गालों की मालिश करें। यह करते समय आप अपने मुँह को खुला रख सकते हैं। क्या आपको अपने जबडों के स्थान पर गांठों का पता चला? यह एक ऎसी जगह है जहाँ जकडन पनपती है। अपने जबडे के जोड की गांठों का आकार महसूस करें और मालिश द्वारा अपने जबडे की जकडी हुई गांठों का समाधान करें।
जबड़ों का व्यायाम
![](/sites/www.artofliving.org/files/styles/original_image/public/wysiwyg_imageupload/Open%20mouth.jpg?itok=Gq4y2GNE)
आठ से दस बार अपने जबड़े खोलें और बंद करें। अपना मुँह खोलें और आठ से दस बार अपने जबड़े को एक दिशा से दूसरी दिशा की ओर ले जाएँ (दाहिने और बाएं) ।
गर्दन को घुमाना
![](/sites/www.artofliving.org/files/styles/original_image/public/wysiwyg_imageupload/Neck-Rotation.jpg?itok=sBEuB6-s)
अपनी गर्दन घुमाएँ। श्वांस भरते हुए अपने सिर को पिछे की तरफ ले जाएं और श्वांस खाली करते हुए अपनी ठुड्डी छाती से लगा दें। घड़ी की दिशानुसार अपना सिर घुमाएं। ऊपर जाते हुए श्वांस लें (शुरु में आधे चक्र के दौरान) और जब आप शुरुआती अवस्था की तरफ वापिस नीचे आते हैं तो श्वांस खाली करें (अंत में आधे चक्र के दौरान)। इसी प्रकार पांच-छह बार घड़ी की दिशानुसार और फिर उसके उलट दिशा में दोहराएँ।
हाथों को झटकना
![](/sites/www.artofliving.org/files/styles/original_image/public/wysiwyg_imageupload/arm_0.png?itok=7RawvObx)
दो मिनट के लिए अपने हाथ झडकाएं । जैसे कुत्ते और बिल्लियाँ अपने शरीर को झटकते है उसी तरह अपने हाथ झडकाएं फिर धीरे धीरे उन्हें रोक दें और कुछ देर बैठे रहें।
जब आप इन तकनीकों का अभ्यास करते हैं, तो प्रत्येक खिंचाव का, आपके मन पर क्या प्रभाव पडता है, इसको समझना शुरू कर देते हैं। प्रत्येक छोटी गतिविधिे या क्रिया, कुछ राहत देती है और आप धीरे-धीरे अपने भीतर प्राणऊर्जा गतिविधिे के तंत्र को समझना प्रारंभ कर देते हैं । यह ज्ञान केवल अभ्यास और अनुभव, द्वारा प्राप्त किया जा सकता है, पढाई के द्वारा नहीं । अभ्यास और अनुभव द्वारा ही आप अपने आप को ऎसी अवस्था में पाएँगे जहां आपके शरीर और मन का समन्वय सरल और सटीक है। यद्दपि यह योग के प्रभाव का सिर्फ एक गौण पहलू है। इसमें और भी बहुत कुछ है। खुशी से अभ्यास करते रहिये!