इस योग आसन का नाम इस आसन को करते समय बने आकार से निकलता है, हीरे का आकार या फिर वज्र का आकार, इसे वज्रासन का आकार, इसे वज्रासन का नाम देता है। वज्रासन में बैठकर आप प्राणायाम कर सकते हैं।
वज्रासन कैसे करे | How to do Vajrasana
- घुटनों के बल खड़े हो जाएँ, और पुट्ठों को एड़ियों पर रखते हुए बैठे, पंजो को जमीन पर रखें पैरों की उँगलियाँ बाहर की ओर, पैरों के अंगूठे एक दूसरे को छूते हुए।
- दोनों एड़ियों के बीच बनी जगह में बैठे।
- सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीधी रेखा में रखे, हथेलियां जांघों पर, आकाश की ओर खुली हुई।
- सांस छोड़े और पैरों को सीधा कर लें।
- सांस छोड़े और पैरों को सीधा कर लें।
वज्रासन के लाभ | Benefits of Vajrasana
- पेट के नीचे के हिस्से में रक्त संचार को बढ़ाता है जिससे पाचन में सुधार होता है।
- भोजन के पश्चात् वज्रासन में बैठने से भोजन का पाचन अच्छा होता है।
- अधिक वायु दोष या दर्द में आराम मिलता है।
- पैर और जांघों की नसे मजबूत होती हैं।
- घुटने और एड़ी के जोड़ लचीले होते हैं गठिया वात रोग की सम्भावना काम होती है।
- वज्रासन में रीढ़ कम प्रयास से सीधी रहती है। इस आसान में प्राणायाम करना लाभकारी है और ध्यान के लिए तैयार करता है।
सावधानियाँ | Contraindications
- पैर के पंजो एड़ियों या घुटनो में अधिक समस्या होने पर।
- स्लिप डिस्क की स्थिति में।
- जिन्हे चलने फिरने में दिक्कत है वे इस आसन को बहुत सावधानी के साथ करें।
वज्रासन वीडियो | Vajrasana video
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योग अभ्यास शरीर व् मन को अनेको स्वास्थ्यप्रद लाभ देता हैं फिरभी ये दवाओं का विकल्प नहीं हैं। यह अति महत्वपूर्ण हैं कि योग आसनों का प्रशिक्षण, श्री श्री योग के किसी प्रशिक्षित टीचर से लिया जाये। किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के समय योग आसनों का अभ्यास डॉक्टर व् श्री श्री योग के टीचर के परामर्श के बाद ही करें। अपने निकट के आर्ट ऑफ़ लिविंग के केंद्र पर श्री श्री योग के कोर्स के बारें में जाने। कोर्स के बारे में जानकारी के लिए या अपने सुझाव भेजने के लिए हमें लिखें: info@srisriyoga.in.