अक्सर, जब हम बैठकर अपने व्यस्त दिन पर नजर डालते हैं तो अलग -अलग क्षणों मे कैसे जिए हैं गिन सकते हैं। वह क्षण जब हम गुस्से में थे, खोए हुए थे, तनहा थे, कपड़े धोने की सूची तैयार कर रहे थे, ऐसे कई अनगिनत क्षण थे। भाग्यवान वह हैं जो आराम से बैठते हैं, खुद को कुछ क्षण देते हैं, दिन की घटनाओं पर नजर डालते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए जीवन मुश्किल होता है।
हमारी भावनाएँ पेन्ड्युलम की तरह झूलती हैं और इसे मूड स्विंग कहते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, बाह्य और आंतरिक, जो हमारे चारों ओर हैं और हमारे भीतर काम कर रहे हैं। हालांकि कई वैज्ञानिक कारण हैं जैसे हार्मोनल असंतुलन और न्यूरोट्रान्समीटर आदि का असामान्य स्तर।
भावनात्मक उथल-पुथल का प्रमुख कारण है दैनिक जीवन में तनाव को संभालने में असमर्थता।, रिश्तो की समस्याएँ और स्वास्थ्य के मुद्दे।
जो भी कारण हो, मूड स्विंग से हर कोई और हर चीज प्रभावित होती है जो हमारी छोटी सी दुनिया से ताल्लुक रखती है।
अच्छी खबर यह है - योगिक ज्ञान के अनुसार हम मूड स्विंग से परे हैं और शांत मन से विभिन्न परिस्थितियों का सामना करने का साहस रखते हैं। कष्टप्रद भावनाओं से निपटना आसान है। इसका रहस्य आपके मन, शरीर और सांस में है।
कुछ योग आसन है जो तनाव को दूर करने में और भावनाओं के अवरोध को दूर करने में मदद करते हैं।
अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !
मूड स्विंग के लिए योग आसन
तो अगली बार जब भी आप मूड स्विंग से प्रभावित होते हैं तो इन योगासन को करें
उत्तानासन
कुछ मिनटों के लिए इस आसन में रहने से मन को आराम मिलता है। यह तनाव और अवसाद का सामना करने में भी मदद करता है।
यह आसन मन को शांत करने में मदद करता है और हल्के अवसाद से राहत देता है। यह रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों को आराम देता है और तनाव से राहत देता है।
भुजंगासन
यह हृदय चक्र को खोलता है जो फेफड़ों को विस्तृत करता है और ताजा हवा भरता है। तनाव को समाप्त करने में मदद करता है और मन को प्रफुल्लित करता है।
शिशुआसन
यह आसन शांति का अहसास देता है और मन को ध्यान की अवस्था में डालता है। जिससे मन तनावरहित और शांत हो जाता है।
शवासन
इस आसन में ना तो शरीर को घुमाना है ना झुकाना है। सिर्फ जमीन पर लेटना है और सांसो पर ध्यान देना है। यह मन और शरीर को अत्यधिक विश्राम देता है। जिस से मन शांत हो जाता है।
याद रखें, योग आसन सबसे ज्यादा प्रभावी होते हैं जब ध्यान और प्राणायाम के साथ किये जाएँ जैसे की नाड़ी शोधन और भस्रिका। यह उचित होगा की आप किसी श्री श्री योग कार्यक्रम में भाग ले जो इन तकनीकों को सिखाता है ताकि आप खुद ही यह आसन और साँस लेने की तकनीक का अभ्यास करने में आश्वस्त हो जाएँ।
हमारी सलाह यह भी है कि आप सुदर्शन-क्रिया सीखें, जो एक विशेष श्वास लेने की प्रक्रिया है जिससे तनाव दूर होता है और हमें ऊर्जा से भर देता है।
यह अच्छा होगा कि आप विराम लें और अपने पर तथा अपने जीवन पर एक नजर डालें और स्वयं को सुदृढ़ करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएं। इसलिए देखें कि, खराब ट्रैफिक जाम, काम का दबाव, या बहुत सारे काम आपके दिन को बर्बाद ना कर दे। बस साँस लें, ध्यान और योग करें।
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