“मुझे ध्यान करते समय किस योगिक मुद्रा में बैठना चाहिये ?” एक आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ प्रशिक्षक दिनेश गोडके इस प्रश्न का जवाब हंसते हुए कुछ इस तरह देते हैं कि “अगर आप एक पैर पर खडे होकर ध्यान करना चाहते हैं, तो वह भी ठीक है, दरअसल आप किसी भी आसन में ध्यान कर सकते हैं जिसमें आप आसानी से लम्बे समय तक ठहर सकते हैं”|
आप अचम्भित हैं? पतंजलि योग सूत्र में आसन का उल्लेख करते हुए कहा गया है- ” स्थिरं सुखं आसनं” अर्थात आसन वह है जो स्थिर और अरामदायक हो |
अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !
क्या आप किसी एक स्थान पर बैठने पर बेचैन हो जाते हैं?
ऎसी स्थिति में इनमें से किसी एक अथवा सम्मिलित योग को करने का प्रयास कीजिये-
- सूक्ष्म योग करने के लिये 7 मिनट निकालें |
- इसे आप कुर्सी पर बैठे हुए भी कर सकते हैं |
- अगर आपके पास समय और योग मैट बिछाने का स्थान है, तो आप पद्म साधना कर सकते हैं |
- इसके बाद नाडी शोधन प्राणायाम करें ( बरी-बारी से नाक से सांस लेने की प्रक्रिया)
एक ताज़गीयुक्त ध्यान का अनुभव कैसा हो, यहाँ कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां इस प्रकार हैं -
आराम से बैठें न कि आलस्य से ;
एक विद्यार्थी ने एक बार कहा था उसके लिये सबसे अरामदायक और स्थिर मुद्रा तब होती है, जब वह टेलीविज़न के सामने अपने सोफा पर चिप्स के साथ लेटा होता है |ध्यान इस आसन में नहीं हो सकता और न ही शवासन में; हालांकि शवासन से आप योगनिद्रा कर सकते हैं|
बहुत से लोग ध्यान के लिये विभिन्न आसनों मे बैठते हैं जैसे: पद्मासन, वज्रासन, और सुखासन | ये योगासन पेट पर भार कम कर देते हैं और पीठ सीधी रखते हैं| इन आसनों का वर्णन नीचे दिया गया है| अपने शरीर, कंधों, और गर्दन को विश्राम देना न भूलें |अपना सिर और पीठ सीधे रखें |
ध्यान के लिये किसी योगासन को चुनें
सुखासन
- दोनों पैरों को आलथी - पालथी या क्रोस (x) की मुद्रा में रख कर बैठें|
- कोहनियां शरीर के पास रखें|
- हथेलियॉं घुटनों पर टिकी हुई आकाश की ओर रखें|
- मेरुदंड और सिर सीधा रखें |
“सुख” का साहित्यिक अर्थ आनंद है | मुस्कराना न भूलें | यदि आप पैरों को क्रॉस मुद्रा में नहीं रख सकते तो किसी कुर्सी पर बैठ कर ध्यान करें| आप अपनी पीठ को कभी भी दीवार का सहारा दे सकते हैं|
पद्मासन
यह सबसे अधिक लोकप्रिय और प्रसिद्ध् आसन है | यह ध्यान के लिये आपका भी पसंदीदा आसन हो सकता है क्योंकि यह मेरु को सीधा रखता है |
- बैठें और अपने पैरों को पूरी तरह सीधा करें|
- दाएं पैर को घुटनों से मोडें और दाएं चरण को बायीं जांघ के नीचे रखें | अब बाएं पैर को घुटने से मोडें और बाएं चरण को दायीं जांघ के ऊपर रख दें|
- एडियाँ आकाश की ओर रखें | हाथों को घुटनों के ऊपर और हथेलियां आकाश की ओर खुली हों, रीढ और सिर सीधा रखें.
वज्रासन
- घुटनों के बल खड़ें हो जाएं और घुटने एक दूसरे के पास रखें|
- दोनों परों के बीच बने गढ्ढे में बैठ जाएं, एड़ियों पर न बैठें.
- हाथों को जांघों पर रखें और हथेलियां आकाश की ओर| अपनी रीढ़ और सिर सीधा रखें|
टिप्स: किसी तौलिये को मोड़ लें अथवा कोइ छोटी तकिया/गद्दी से एड़ियों को सहारा दे सकते हैं|
वज्रासन जांघों और टखने की मांसपेशियों को सुदृढ़ करता है| यह पाचन प्रक्रिया को भी बढ़ाता है.