बच्चों के लिए योग की दुनिया
क्या आप अक्सर अपने बच्चे के रिपोर्ट कार्ड को देखकर निराशा से भर जाते हैं? आप आप सोचते हैं कि आपने उसके लिए अच्छे ट्यूशन लगाए हैं, वह अपना अधिकतर समय अपने घर में अपनी पुस्तकों के साथ बिताता है। फिर भी उसके कड़ी मेहनत उसके परीक्षा के अंकों में दिखाई नहीं देती।
यदि यह बात आपके लिए हकीकत है, तो आपको अपनी दुविधा का समाधान पता ही होगा : बच्चा अपनी पढाई पर पूरी तरह से ध्यान नहीं लगा पा रहा। एक फूल के विभिन्न भागों के बारे पढ़ते या जल की संरचना को समझते समय आपके मासूम बच्चे का मन इधर उधर भटकने लगता है।
इस बारे में आपके लिए अच्छी खबर यह है कि यदि आपका बच्चा शिवाजी और अकबर के युद्ध पर ध्यान केन्द्रित नहीं कर पा रहा है, तो आप कुछ समय के लिए सिर्फ उसके भोजन व शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दीजिए और देखिए कि क्या चिप्स और तला हुआ भोजन उसे हरी सब्जियों से अधिक पसंद आ रहे हैं? क्या फेसबुक उसका वह समय ले रहा है जिसमे उसे बॉल या बैडमिण्टन खेलना होता है?
यदि विद्यार्थी इस प्रकार की जीवन शैली अपनाए हुए है जिसमें शारीरिक व्यायाम तथा सक्रियता बहुत कम हो गई है, तो उससे बच्चे के रक्त संचार पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बच्चे आलसी होने लगते हैं इसका परिणाम यह होता है कि बच्चे किताबों में समय तो बहुत देते हैं पर याद कुछ भी याद नहीं रहता। एक अभिभावक (Gurdian) के रूप में आप अपने बच्चे की इस आदत को बदल सकते हैं। बच्चे को थोड़ा सा समझाकर (कभी कभी थोड़ी सी कठोरता के साथ) उसमें स्वास्थ्यवर्धक भोजन करने व व्यायाम की आदतें डाली जा सकती हैं जिससे उसकी पढ़ाई और खेल में उसका प्रदर्शन सुधर सकता है। जब शरीर को अच्छा पोषण मिलता है, तो बच्चे की पढ़ने और याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है।
योग आसन, प्राणायाम व ध्यान प्रत्येक विद्यार्थी के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। सूर्य नमस्कार अपने आप में एक परिपूर्ण तथा मजेदार योग क्रिया है जो कि 12 शक्तिशाली योग आसनों का एक समन्वित रूप है। ये आसन बच्चों के लिए बहुत ही आसान तथा अत्यंत प्रभावी हैं जिसमें सूर्य भगवान के प्रति आभार व्यक्त करने के साथ दिन की शुरुआत की जाती है।
बच्चों को सूर्यनमस्कार क्यों करना चाहिए ? | Why children should do suryanamskar
माँस पेशियों की मजबूती : सूर्य नमस्कार का प्रत्येक आसन संरचनात्मक व क्रियात्मक दोनों ही रूप में शरीर के किसी विशेष अंग से संबंधित है। सूर्य नमस्कार के सभी आसन मिलकर शरीर की माँस पेशियों को मजबूत बनाने में सहयोग करते हैं।
शरीर के भीतर से कार्य करते हैः सूर्य नमस्कार शरीर को बाहरी रूप से ही लाभ नहीं पहुँचाता है बल्कि यह शरीर को भीतर से भी मजबूत बनाता है। यह हमारे शरीर के सौर केन्द्र (solar plexus) अथवा हमारी नाभि पर असर डालता है जिससे हमारे तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को लाभ होता है।
अनुसंधानों से पता चला है कि सूर्य नमस्कार इतनी क्षमता है कि नियमित रूप से इसे करने पर सैकड़ों बीमारियों से बचा जा सकता है।
सूर्य नमस्कार के बहुत से लाभों में से कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं:
- एकाग्रता में बढ़ोत्तरी
- स्मरण शक्ति में बढ़ोत्तरी
- ऊर्जा में बढ़ोत्तरी
- शारीरिक शक्ति
- शांत एवं केन्द्रित मस्तिष्क
- प्रसन्नचित्त
- बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता
- अधिक कार्यक्षमत
- सीखने की क्षमता में बढ़ोत्तरी
- बेहतरीन चयापचय (मेटाबॉलिज्म)
जब आप अपने बच्चे को योग व ध्यान के मार्ग पर जाने के लिए प्रेरित करते हैं अच्छा होगा कि आप भी अपनी योगा मैट साथ में ले लें (अपने बच्चे के साथ भाग लें)। बच्चे के साथ योग करें, अपने शरीर को फैलाएँ (लचीला और मजबूत बनाएं), आसमान की उड़ान भरें और जमीन को छुएँ........आपको और आपके बच्चे दोनों को ही योग का आनंद आएगा।
योग और ध्यान की मदद से आप उसे कौशल, दक्षता और जीवन के कारनामों की बाहरी दुनिया के माध्यम से नेविगेट करने के लिए (की) शिक्षा देते हुए, आप उसे अपने भीतर की जगह तलाशने के लिए भी पढ़ाएंगे।
बच्चों के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग के आर्ट एक्सेल तथा यस ! कार्यक्रम योग व ध्यान सीखने का अच्छा माध्यम हैं।
हेतल मेहता, आर्ट एक्सेल शिक्षक तथा दिनेश काशीकर, वरिष्ठ श्री श्री योग शिक्षक द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर।