इस योग आसन का नाम इसके आकार पर रखा गया है - नृत्य मुद्रा के देवता। इस योग आसान का उच्चारण इस प्रकार करते है नट-राज-आसन।
नट = नृत्य; राज = राजा; आसन = आसन या मुद्रा
नटराजसन 1 कैसे करें (शिव नृत्य - 1) (How to do Natarajasana 1 (Dancing Shiva - 1))
- ज़मीन पर लेट जाए। अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और अपने दाहिने पैर को बाएं घुटने के बाहर की तरफ पर रखे। फिर कंधे की लंबाई पर पक्षों को बाहर की और खीचें।
- सांस ले । सांस छोड़ते हुए धड़ को बाई ओर मोड़ें और सिर को दाहिनी ओर मोडतें हुए दाएँ कंधे के ऊपर से देखें।
- कंधों को जमीन पर रखते हुए, दाहिने जांघ को जमीन की ओर दबाएँ। आप अपने बाएँ हाथ को जांघ को दबाएँ रखने के लिए उपयोग में ला सकते हैं।
- मुद्रा को बरकरार रखें। लंबी गहरी सांस लें।
- सांस छोड़ते हुए आराम करें।
- दूसरी तरफ दोहराएँ।
नटराजसन 1 के लाभ (Benefits of Natarajasana 1)
- कूल्हों ,पीठ के निचले हिस्से, निचले पेट और गर्दन की मांसपेशियों को टोन एवं उनमें खिंचाव पैदा करता हैं।
- रीढ़ की हड्डी को कोमल बनाता है।
- पाचन सुधारता है।
नटराजसन 1 के मतभेद (Contraindications of Natarajasana 1)
- स्लिप डिस्क।
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यद्यपि योगाभ्यास शरीर और मन के लिए बहुत फ़ायदेमंद है, फिर भी इसे दवा के बदले आजमाना उचित नही है। योगासनों का अभ्यास आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और श्री श्री योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की अनुमति के पश्चात ही योगाभ्यास करें। श्री श्री योग कोर्स आपके नज़दीकी आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र में आप सीख सकते हैं। अगर आप विविध कोर्सों के बारे में जानकारी पाना चाहते हैं या सुझाव देना चाहते हैं तो हमें संपर्क करें info@artoflivingyoga.in