कोण + आसन = कोणासन
कोण आसन ऐसे करें |How to do Konasana
- सीधे खड़े रहते हुए पैरों में कूल्हे के चौड़ाई जितनी दूरी बना ले और हाथों को शरीर के बाजू में रखें ।
- साँस ले और अपने बाएं हाथ को इस तरह ऊपर उठाये की आपकी उंगलियाँ छत की दिशा में रहें ।
- साँस छोड़ते हुए रीढ़ की हड्डी को झुकाते हुए अपनी दाहिनी ओर झुके, उसके बाद अपने श्रोणि को बाईं ओर ले जाएँ और थोड़ा और झुके । अपने बायें हाथ को ऊपर की ओर तना हुआ रखे।
- बायीं हथेली से उपर देखने के लिए अपने सिर को घुमाए । कोहनियों को सीधा रखें ।
- साँस लेते हुए अपने शरीर को वापस सीधा करें ।
- साँस छोड़ते हुए अपने बायें हाथ को नीचे लाए ।
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अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !
कोणआसन के फ़ायदे | Benefits of Konasana
- रीढ़ की हड्डी और बाजुओं व टाँगों को खींच कर सीधा रखने में सहायता।
- हाथ, पैर और धड़ के सभी भागों में सुदृढ़ता।
- पीठ के दर्द से निजादI
- रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
- कब्ज़ में राहत मिलती है।
- कटिस्नायु शूल (साईटीका) के रोगियों को लाभ मिलता है।
कोणआसन के अंतर्विरोध | Contraindications of Konasana
जिन लोगों को तीव्र पीठ दर्द और स्पॉंदिलाइटिस की शिकायत हो,वह कोण आसन ना करें।
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<<दोनो बाज़ुओं को जोड़ कर करने वाला कोणासन शवासन>>
यद्यपि योगाभ्यास शरीर और मन के लिए बहुत फ़ायदेमंद है, फिर भी इसे दवा के बदले आजमाना उचित नही है| योगासनों का अभ्यास आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा| अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और श्री श्री योग (Sri Sri Yoga) के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा| अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की अनुमति के पश्चात ही योगाभ्यास करें| श्री श्री योग कोर्स आपके नज़दीकी आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र में आप सीखसकते हैं| अगर आप विविध कोर्सों के बारे में जानकारी पाना चाहते हैं या सुझाव देना चाहते हैं तो हमें संपर्क करें info@artoflivingyoga.in